लोकसभा के सीट अरेंजमेंट में दिखेगी विपक्ष के ताकत की झलक, बदला-बदला सा रहेगा नजारा

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के नतीजे इतने दिलचस्प आए कि जो जीते उनकी हार के चर्चे ज्यादा हुए या यूं कहें कि हो रहे हैं और जो हारे उनकी जीत के चर्चे ज्यादा हुए। ऐसा बहुत कम बार होता है कि सरकार बनाने वालों से कम खुश विपक्ष में रहने वाले भी नहीं हैं।

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नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के नतीजे इतने दिलचस्प आए कि जो जीते उनकी हार के चर्चे ज्यादा हुए या यूं कहें कि हो रहे हैं और जो हारे उनकी जीत के चर्चे ज्यादा हुए। ऐसा बहुत कम बार होता है कि सरकार बनाने वालों से कम खुश विपक्ष में रहने वाले भी नहीं हैं। विपक्ष खुश है अपनी एकजुटता और उसके नतीजे पर। पिछली बार 303 सीट लाने वाली बीजेपी को 240 सीटों पर समेट देने की खुशी। उसे अकेले दम पर बहुमत से रोक देने की खुशी। नतीजों से नए जोश में आए विपक्ष का संसद में तेवर अब देखने लायक है। अब लोकसभा में सांसदों के सीट अरेंजमेंट में भी विपक्ष की बढ़ी ताकत की छाप साफ दिखाई देगी। 236 सीटें हासिल करने वाले विपक्षी इंडिया गठबंधन को अब फ्रंट रो में कम से कम 8 सीटें मिलेंगी। सत्ताधारी बीजेपी को भी पहली कतार में 8 सीटें ही मिलेंगी। बीजेपी की ताकत घटी है, इसलिए पिछली बार के मुकाबले इस बार फ्रंट रो में उसके सहयोगी दल ज्यादा दिखेंगे।
सदन में सीट अरेंजमेंट से पार्टियों की ताकत की झलक मिलती है। जिसके जितने ज्यादा सांसद, उसे आगे की उतनी ही सीटें। हर सांसद की सीट को एक खास नंबर अलॉट किया जाता है, जिसे डिविजन नंबर कहा जाता है। सदन में वोटिंग के वक्त इसी नंबर का इस्तेमाल किया जाता है। अभी डिविजन नंबर अलॉट नहीं किया गया है, लेकिन हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में लोकसभा एक एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि पार्टियों को इसकी सूचना दी जा चुकी है कि उन्हें कौन-कौन सी सीटें अलॉट की गई हैं। अब पार्टियां बताएंगी कि उनके किस सांसद को कौन सी वाली सीट अलॉट की जाएगी। पार्टियों से ये कम्यूनिकेशन मिलते ही सांसदों को डिविजन नंबर अलॉट कर दिया जाएगा।

लोकसभा चुनाव में बीजेपी 240 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी लेकिन वह अकेले अपने दम पर बहुमत से चूक गई। कांग्रेस के प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार हुआ है लेकिन वह 100 का आंकड़ा छून से चूक गई। उसे 99 सीटों पर जीत हासिल हुई। 37 सीटों के साथ समाजवादी पार्टी सदन में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। टीएमसी के 29 सांसद हैं।

सत्ता पक्ष की तरफ से पहली पंक्ति में पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी बैठते हैं। पिछली बार भी उनके बैठने का यही क्रम था। यानी इस बार भी लोकसभा में सीट नंबर 1, 2, 3 और 4 पर क्रमशः पीएम मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह और गडकरी को अलॉट होंगे। इनके अलावा बीजेपी के सहयोगी दलों टीडीपी और जेडीयू को भी फ्रंट रो में सीट मिलना तय माना जा रहा है। टीडीपी की तरफ से सिविल एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू और पशुपालन और पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को सीट मिल सकती है।

बात अगर विपक्ष के सीट अरेंजमेंट करें तो कांग्रेस को अगली पंक्ति में 3 सीटें मिलने वाली हैं। इनमें से एक तो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को मिलेगी। उनके अलावा फ्रंट रो में कांग्रेस के 2 और सांसद होंगे। हो सकता है कि सदन में पार्टी के सबसे अनुभवी सांसद के. सुरेश को इनमें से एक सीट मिल जाए। इंडिया गठबंधन के बाकी घटक दलों में से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश याद को फ्रंट वाली सीट मिलनी तय है। इसी तरह डीएमके को भी एक सीट मिल सकती है।

संसद की नई इमारत में लोकसभा को अर्धवृत्ताकार रूप में व्यवस्थित किया गया है। इसमें सीटों के 8 ब्लॉक हैं - जबकि पुरानी इमारत में 6 ब्लॉक थे। सत्ताधारी एनडीए को इन 8 में से 5 ब्लॉक मिलेंगे।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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